शीला दीक्षित की पुण्यतिथि

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री व आम जन मानस की कददावर नेता शीला दीक्षित  (Sheela Dixit Ki Poonyatithi) को दिल्ली की जनता से ऐसा लगाव हुआ कि वह दिल्ली की सत्ता पर 15 सालों तक लगातार काबिज रहने वाली दिग्गज नेता बन गयी और एक वर्ष पूर्व ऐसी खबर आयी कि दिल्ली सहित उनके तमाम चाहने वाले लोग अवाक रह गये और वह दुनिया को अलविदा कह गयी जिसे आज एक बरस हो गया है। लोग उनकी बरसी पर उनके द्वारा दिल्ली में किए गए कामों के जरिए याद कर रहे हैं।

दिल्ली में बने तमाम फ्लाईओवर दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित की हमेशा याद दिलाते रहेंगे।

दिल्ली में विकास की राजनीति का चेहरा बनीं कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व सीएम शीला दीक्षित को उनके मधुर व्यवहार और विकास के लिए जाना जाता था।

सबसे अच्छी बात तो यह है कि उन्हें नापसंद करने वाले भी उनकी तारीफ करते थे।

खासकर दिल्ली की राजनीति का उन्हें अजातशत्रु कहा जा सकता है। वह लम्हा कौन भुला सकता है, जब उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर जीते मनोज तिवारी ने खुद शीला दीक्षित के घर जाकर उनसे आशीर्वाद लिया था,

ऐसा रुतबा था शीला दीक्षित का। शीला दीक्षित ने दिल्ली में 15 साल तक बतौर मुख्यमंत्री रहकर जनता की सेवा की है, यह एक रिकॉर्ड है।

वह तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहने के अलावा केरल की राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री भी रहीं।शीला दीक्षित के सोनिया गांधी से बेहद मधुर संबंध रहे।

31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में पंजाबी खत्री परिवार में जन्मीं शीला ने दिल्ली विश्वविद्याल के जीसस ऐंड मैरी स्कूल और डीयू के मिरांडा हाउस से पढ़ाई की थी।

शीला दीक्षित की शादी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल उमा शंकर दीक्षित के बेटे आईएएस अधिकारी विनोद दीक्षित से हुई थी।

शीला के पति की एक कार एक्सिडेंट में कई साल पहले मौत हो गई थी। परिवार में उनके एक बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और बेटी लतिका दीक्षित हैं, जिन्हें उन्होंने सिंगल मदर के रूप में बड़ा किया।

सदियों पुरानी रूढ़िवादी सोच की औरत घर की चार दीवारी के अंदर ही अच्छी लगती है और एक स्त्री का काम केवल घर का चूल्हा और रसोई संभालना होता है।

उस समय में भी इस पिछड़ी विचारधारा के विरुद्ध जा कर कई महिलाओ ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और साथ ही रूढ़िवादिता को मात दी।

शीला दीक्षित की पुण्यतिथि

आज ही के दिन 20 जुलाई को ठीक एक साल पहले एक ऐसी ही महान महिला दुनिया से विदा ले कर चली गई।

राष्टीय किसान मंच के कार्यालय पर शीला दीक्षित जी की पूण्य तिथि  (Sheela Dixit Ki Poonyatithi) मनायी गयी इस अवसर पर राष्टीय किसान मंच के राष्टीय अध्यक्ष पं0शेखर दीक्षित ने कहा कि असमय शीला जी का हम सब को छोड कर जाना जहां एक ओर हम सब का दुर्भाग्य है |

समाज की अपूर्णीय क्षति वह प्रशासनिक क्षमता की धनी थी वही कुशल नेतृत्व की वजह से राजनीति में उनकी अच्छी पकड रही उनकी खासियत थी |

जो उनसे एक बार मिला वह उन्ही का हो जाता था। इस अवसर पर वह काफी गमगीन दिखे बात कहते हुए भावुक हो गये। संगठन के संरक्षक स्वामी सारंग , प्रदेश अध्यक्ष मो0 इस्माइल, प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्र पाल बक्शी , प्रदेश उपाध्यक्ष सर्वेश पाल , प्रदेश संगठन मंत्री वेद प्रकाश शास्त्री सहित भारी संख्या में सोशलडिस्टेंसिग का पालन करते हुए कार्यकर्ताओ ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।