EK APPEAL APSE
एक अपील आपसे ( EK APPEAL APSE ) देश में सबसे ज्यादा किसान भाई और परिवार हैं, पर वह ही सबसे ज्यादा परेशान है और सरकारी कुचक्र का शिकार है। देश में सभी वर्गों को तरक्की करने के लिए सरकारें तमाम सुविधाएं प्रदान करती है|
परन्तु किसानों को नहीं क्यों? देश में जितनी भी योजनाएं बनती है उसमें सबसे ज्यादा योगदान किसानों का होता है,क्योंकि वह उन्हीं की जमीनों पर बनाया जाता है, पर क्या उनका लाभ किसानों को मिलता है?
यूँ तो हम अन्नदाता है परन्तु सबसे ज्यादा पीड़ित भी हम ही है ऐसा क्यों?
बडे़-बड़े उद्योगपतियों को हजारों करोड़ों का कर्ज माफी दी जाती है जबकि वह अपने उद्योगों से उससे कहीं अधिक कमाते हैं और किसानों को कर्ज माफी आपदा के समय भी नही दिया जाता क्या यह किसानों पर अत्याचार और दोगली नीति नही है?
आज पूरे देश मे स्मार्ट सिटी बनाने की बात चल रही है परन्तु ‘‘स्मार्ट गाँव-खुशहाल गाँव” की नही क्यों?
बिजली प्लान्ट हमारी जमीनों पर और बिजली शहरों और उद्योगपतियों के घर पर आखिर क्यों?
मेडिकल कॉलेज हमारी जमीनों पर इलाज के समय हमारे परिवार बाहर क्यों?
जब हम अन्न उपजाएं तो वह सस्ता और जब बाजार मे जाए तो वह महंगा क्यों?
हम अपना अनाज सरकार द्वारा तय मूल्य पर ही बेंचें और बिचैलिया किसी भी भाव मे बेंचे क्या यह अन्याय नहीं?
मेनहत हमारी, कर्ज हमारा, दर्द हमारा पर लाभ बिचैलियों का क्यों?
N.S.S.O. का कहना है कि बीते 10 वर्षों मे 42 लाख करोड़ की कर छूट विभिन्न उद्योगो को दी परन्तु उद्द्योगों में उत्पादन नही बढ़ा और पर्याप्त सृजन में यह सदी विफल रही यदि 2 लाख करोड़ ही किसानों को प्रति वर्ष दिये जाते तो उसका सार्थक उपयोग होता लाखों रोजगारों का सृजन होता और देश खुशहाल होता, पर सरकारों ने ऐसा नही किया क्यों?
पूरी जिन्दगी देश के लिए काम करने वाले और देश का पेट भरने वाले सभी किसानों को पेंशन नही क्यों?
खाद महंगी, डी0 ए0 पी0 महंगी, पानी उपलब्ध नहीं, बिजली उपलब्ध नहीं फिर भी फसलें सस्ती ही रहें ऐसा क्यों?
बीज महंगा, डीज़ल महंगा, नहीं महंगी तो मेहनत से उपजी किसान की फसल क्यों?
किसानों के लिए चलायी जा रही, सरकारी योजनाएं भी भ्रष्ट सरकारी तन्त्र के कारण किसानों तक पहुँचती भी नहीं क्यों?
एक अपील आपसे ( EK APPEAL APSE ) क्या सरकारों के लिए किसानो की कोई अहमियत नही? क्या सिर्फ चुनावों के समय ही किसान दिखता है? क्योकि हमारे बीच से ही चुनकर जाने वाला हम किसानों को भूलता है?