किसान लीडर पंडित शेखर दीक्षित

 

जब तक आप किसान  ( Former Leader In Uttar Pradesh )होकर संगठित रहेंगे और अपने हक के लिए संघपरित रहेंगे तब तक दुनिया की कोई शक्ति आप का सुख चैन शक्ति और समृद्धि नहीं छीन सकती है |

परन्तु जब आप जाति शीर्षक व धर्म शीर्षक की राजनीति में संलिप्त हो जायेंगे तब दुनिया की कोई ताकत आपके हितों की रक्षा नही कर सकती है |

आप दुःखों के दलदल में धंस जायेंगे। इस लिए सदैव संगठित व संधारित रह कर किसान हित की बात करनी है ।

किसानो  का ख्याल आते ही जे़हन में मैली कुचैली फटी बनियान, धोती पहने हुए युवक की तस्वीर दिलो दिमाग में छा जाती है। कभी आपने सोचा कि किसान इतना दुश्वारियों भरा जीवन क्यों जी रहे हैं ? (Kisan Neta Uttar Pradesh)

आजादी के बाद सभी शहरो में विकास हुआ। खास कर महानगरों, नगरो व शहरों में जो कुछ भी चाहिए वह सब शहरों में उपलब्ध है शहरों में मॉल कल्चर तेजी से फैल रहा है।

विलासिताओं भरा जीवन लोग जी रहे है या यूँ कहे कि गाँवो के विकास के लिए कोई ठोस कृषि नीति ही हम अभी तक नही बना पाये हैं।

इसीलिए भारतीय किसान आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो रहा है।

किसानों की जमीन से उन्हे बेदखल किया जा रहा है, पूँजीपतियों के साथ सरकार भी किसानों की जमीनों पर नज़रे जमाए है किसानों के हालात दिन ब दिन और भयावह होता जा रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह जी ने गरीबों, मज़दूरो, किसानों के दर्द को बड़ी नज़दीकियों से समझा, उन्होंने संकल्प लिया की वे गरीबों, मज़दूरो, किसानों को बराबरी का दर्जा देने के लिए एक मुहिम चलायेंगे।

परन्तु राजा साहब एक गंभीर बीमारी के चपेट में आ गये लेकिन राजा साहब ने हार नही मानी वे गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी मीटिंगों में पहुंचते थे परन्तु 27 नवम्बर 2008 में दिल्ली में राजा साहब का देहान्त हो गया।

किसान, मज़दूरों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राजा साहब के देहान्त का बड़ा धक्का पहुँचा। एक महान दर्शनिक ने सच ही कहा है कि बड़ी विभूतियों का देहान्त हो सकता है किन्तु उनके विचार युगों – युगों तक जीवित रहते है।

राजा साहब के सपनों को साकार करने के लिए राष्ट्रीय किसान मंच को उत्तर प्रदेश का ही नही देश का सबसे बड़ा संगठन बना दिया अन्य राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाण, उत्तरांचल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में भी संगठन ने गति ले ली है।

राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Kisan Neta Uttar Pradesh) भी निःस्वार्थ भाव से राष्ट्रीय किसान मंच को बुलंदियों पर पहुँचाने के लिए भारत भर मे जी जान से लगे हैं |

लोगों को देश की सबसे बड़ी आबादी को खुशहाल करने की मुहिम में लगे है।

इस किसान नेता (Former Leader In Uttar Pradesh) की सोच है कि भारत का किसान भी राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़े उसे रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, चिकित्सा की बुनियादी जरूरतों का हक मिले।