Former Union Leader In Uttar Pradesh

राष्ट्रीय किसान मंच (Former union leader in Uttar Pradesh) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित (Pandit Shekhar Dixit) बंद का समर्थन करते हुए कहा कि जो किसान हित की बात करेगा अब केवल वही देश पर राज कर पाएगा।

उनका कहना था कि किसानों को लालीपाप पकडाकर व बहलाकर राज करने का जमाना चला गया है।

देश में चल रहे शान्तिपूर्ण किसान आन्दोलन पर जिस प्रकार से सरकारों ने जुल्म किया है वह अब मंजूर नहीं है।

Former union leader in Uttar Pradesh देश के किसी भी कोने में किसान पर जुल्म होगा तो पूरे देश का किसान एकजुट होकर उसका विरोध करेगा।

पंडित शेखर दीक्षित जी  (Pandit Shekhar Dixit) का कहना है कि किसानों से बात कर उनकी परेशानी का हल निकालने की बजाए जिस प्रकार से किसानो को दोषी ठहराने की कोशिश हो रही है वह आने वाले समय में भारी पडेगी।

उनका कहना है कि अन्नदाता जब कडाके की ठंड गर्मी और बारिश में खेत में काम करता है तब जाकर देश में लोगों को अन्न मिल पाता है इसलिए उसकी मेहनत का उपहास करना उचित नहीं है।

सरकार को संजीदगी के साथ किसानों से वार्ता करके उनकी समस्या का हल निकालना चाहिए।

पंडित शेखर दीक्षित जी (Pandit Shekhar Dixit) का कहना है कि सरकार जिस समर्थन मूल्य की घोषणा करती है उसका लाभ बिहार यूपी और एमपी के किसानों तक तो आज भी नहीं पहुच रहा है।

धान का समर्थन मूल्य उत्तर प्रदेश में 1850 घोषित किया गया था पर 90 प्रतिशत किसानो ने 900 से 1100 तक के मूल्य पर धान को बेचना पडा है ।

तंत्र की यह खामी आज 74 साल में भी दूर नहीं हो सकी है।

पंडित शेखर दीक्षित जी (Pandit Shekhar Dixit) ने बताया कि आज के इस आन्दोलन में यूपी एमपी व बिहार के किसान इसी कारण के चलते शामिल नहीं हुए हैं।

इन राज्यों के किसानों ने आज तक समर्थन मूल्य के स्वाद को नहीं चखा है।

इसी के कारण वह इसके लाभ व हानि को नही समझ पा रहे हैं।

इसके विपरीत पंजाब व हरियाणा के किसानों को एमएसपी का लाभ मिलता रहा है जिसके चलते वह आज न केवल बेहतर स्थिति में है बल्कि जागरूक भी है।

उनका यह भी कहना है कि (Former union leader in Uttar Pradesh) सरकारों को अपनी कार्यप्रणाली को दुरुस्त करना पडेगा नहीं तो किसान की आमदनी दोगुनी करने की बात केवल दिवास्वप्र मात्र ही रह जाएगी।