उत्तम खेती, मध्यम बान।
निषिद्ध चाकरी, भीख निदान।
अर्थात खेती सबसे अच्छा कार्य है।
व्यापार मध्यम है, नौकरी निषिद्ध है और भीख मांगना सबसे बुरा कार्य है।
लेकिन आज हम अपने देश की हालत पर नजर डालें तो जीकोपार्जन के लिए खेती सबसे अच्छा कार्य नहीं रह गया है।(Kisan Neta Sewa Bramhin Leader)
हर दिन देश में लगभग 2000 किसान खेती छोड़ देते हैं और बहुत सारे किसान ऐसे हैं जो खेती छोड़ देना चाहते हैं।
देश के किसी ना किसी हिस्से में किसानों को आए दिन सड़कों पर आंदोलन करने के लिए उतरना पड़ रहा है।
उस देश मे जहां की आधे से अधिक आबादी खेती पर निर्भर है।
हालात पर नजर डालें तो देश में पिछले कई साल से प्रतिवर्ष हजारों किसान निराश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गए हैं।
आंकड़े बताते हैं देश में हर घंटे एक से ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहा है।
इन सबके बाद भी पेट और पीठ एक कर चुके किसान की दशा पर किसी की नजर नही जा रही है।
खुद को किसानों का अलंबरदार कहने वाली पार्टियां और किसान गुट सब चुप हैं।(Kisan Neta Sewa Bramhin Leader)
देश की आधे से अधिक आबादी आज अशांत है, दो रोटी को तरस रही है, जो खुद दूसरे की रोटी के लिये दिन रात एक किये रहता है।
कहने का आशय सिर्फ यह है कि आज के मौजूदा दौर में किसानों की हालत बदतर हो चुकी है।
चुनाव अपने समापन की ओर है, किसानों को वायदों का झुनझुना फिर पकड़ा दिया गया है।
उनके समस्या के वास्तविक समाधान के विकल्प की आवश्यकता है।
जिसके तरफ किसी का ध्यान नही जा रहा है।
समस्याएं सब बता रहे हैं समाधान कोई नही ढूंढ रहा है।(Kisan Neta Sewa Bramhin Leader)
जिसके कारण कृषिप्रधान देश को आये दिन शर्मसार होना पड़ रहा है।
क्योंकि किसानों को उनका वाजिब हक नही मिलता और वह फांसी का फंदा चूमने पर मजबूर हो जाता है।
देश की समृद्धि और विकास का रास्ता गांव की पगडंडियों और खेत मे लहलहाते फसल को चूमते हुए जाएगा।
हमे धरातल पर उतर कर किसानों के दुख दर्द को बाटना होगा। फिर देश उन्नति की ओर बढ़ेगा।