बीते 15 दिनों से बेमौसम बारिश की मार झेल रहे किसानों के ऊपर शुक्रवार की भोर बारिश आफत बनकर बरस पड़ी। लखनऊ के आसपास के जिलों में तेज आंधी पानी के साथ ओलों की बारिश से किसान बर्बाद हो गया।

खेतों में लगी सरसों, गेहूं कि साथ साथ दलहन और तिलहन की भी फसल को भरी नुक्सान हुआ है जिससे किसानों की फसल पूरी तरह चौपट हो गई। वही मवेशियों के लिए हरा चारा भी नष्ट हो गया। सुबह होते ही किसान अपनी बर्बादी को देखने खेतों की ओर निकल पड़े। (Young Politician In Uttar Pradesh )

कोई खेतों से पानी निकालने की जुगत कर रहा था, तो कोई बैठा आंसू बहा रहा था। कुदरत की यह मार शायद किसानों ने कभी नहीं देखी होगी।

इसी बीच किसान मसीहा व किसानों के हमदर्द राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. शेखर दीक्षित ने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द किसानों की फसल का आकलन करा के उन्हें मुआबजा दिलाने का कार्य करें और सरकार से मांग है

कि प्राकतिक आपदा से नष्ट हुई किसानों की फसलों को जल्द रहत पहुंचे जाये और जो भी जांच समिट गठित की जाये उस पर सभी प्रकार की वसूली पर रोक लगाई जाये जिससे नष्ट हुई फसल का पूरा -पूरा मुआवजा किसानों को मिल सके |

पेड़ों से टूटकर जमीन पर बिछ गया आम का बौर भोर हुई ओलों की बरसात से जहां फसलों को नुकसान हुआ है, वही बागवानों की भी कमर टूट गई। आम के पेड़ों पर लदा बौर बड़े-बड़े ओलो के पड़ने से टूट कर जमीन पर बिखर गया। (Young Politician In Uttar Pradesh)

सुबह बागवान बाग पहुंचे तो वहां का नजारा देख घबरा उठे। अबकी बार आम की अच्छी फसल होने की आस पूरी तरह टूट चुकी थी। बाराबंकी जिले के भयारा, मसौली, बड़ागांव, रामनगर, सहादतगंज, रामपुर समेत आम की बाग के ज्यादा क्षेत्रफल वाले इलाकों में भयंकर ओलावृष्टि हुई है।

जिससे आम का उत्पादन भी इस बार ना के बराबर होने की कगार पर पहुंच गया है।

चटाई हो गई रबी की सारी फसलें

ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी रबी की फसलें चटाई की तरह खेतों में बिछ गई। तेज आंधी पानी से गेहूं की बालियां टूट कर नीचे गिर गई। यही हाल सरसों का भी रहा।

कई किसानों की खेतों में कटी पड़ी सरसों की फसल पर ओले पड़ने से सरसों खेत में बिखर गई, जो लगी हुई थी वह भी बर्बाद हो गई। ऐसे में किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। गिरी पड़ी फसल और ऊपर से भरा पानी मवेशियों के लिए चारे की भी समस्या खड़ी हो गई है। खेतों में लगी बरसीम बर्बाद हो गई।

तलाबोर हुई आलू की क्यारियां होली का त्यौहार पड़ने से किसान आलू की खुदाई नहीं कर पाए थे। जैसे ही खुदाई का कार्य शुरू हुआ कि अचानक ओलों के साथ झमाझम बारिश हो गई। देवा, मसौली व फतेहपुर समेत कई क्षेत्रों में खेतों में खुदा पड़ा आलू पानी में डूब गया। (Young Politician In Uttar Pradesh )

कई खेत ऐसे दिखे जिनमें क्यारियों में पानी भरा हुआ था। किसानों का कहना है कि अब तक हुई बारिश में यह सब से आफत भरी बारिश हुई है। अब कोई फसलें सुरक्षित नहीं बचेगी। जो आलू भीग गया है वह अब सड़ जाएगा।