सरकार के लाख जतन के बाद भी भ्रष्टाचार का समूल सफाया नहीं हो पा रहा।
निसंदेह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के प्रति सख्त हैं और आए दिन कड़ी कार्रवाई के मामले सामने आते रहते हैं फिर भी भ्रष्टाचार है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा।
(आइटीआइ) को मान्यता देने के मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बैंक गारंटी के नाम पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मान्यता दे दी। Brahmin Leader Lucknow शेखर दीक्षित जी का कहना है|
मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऐसे 59 संस्थानों की शिकायत दर्ज किए जाने के बाद जांच में 160 संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ मिली। निदेशालय ने ऐसे संस्थानों के खिलाफ रपट कराने की शासन से अनुमति चाही है।
एक तरफ मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के मसले पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रहे हैं, दूसरी तरफ अधिकारी-कर्मचारी गठजोड़ नियम-कायदों को धता बताकर मनमानी पर आमादा है।
वजह साफ है कि भ्रष्टाचार की अमरबेल अभी भी फल-फूल रही है। ऐसा भी नहीं कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों को वेतन, सुख-सुविधा के मामले में सरकार कोई कोताही करती हो,
बावजूद इसके सुविधा शुल्क उगाही की लत कुछ ऐसी है कि छूटने का नाम ही नहीं लेती। दरअसल, पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार जिस कदर पनपा और परवान चढ़ा, योगी सरकार आने के बाद उम्मीद थी कि अब थमेगा।(Brahmin Leader Lucknow)
मुख्यमंत्री ने स्वयं भी इच्छा शक्ति दिखाई। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन ही नहीं बल्कि बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई भी अमल में लाई गई।
सोचने वाली बात है कि जिन संस्थानों पर नौजवानों को प्रशिक्षित कर उनका भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है, उनकी नींव भ्रष्टाचारियों ने कितनी खोखली कर दी?
वस्तुत: शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान अपने स्वार्थ साधने की खातिर युवजन के भविष्य के साथ खिलवाड़ सदैव से करते आ रहे हैं किंतु इन सब के बीच भ्रष्टाचारियों की संलिप्तता इनका काम आसान कर देती है। Brahmin Leader Luckow
चिंताजन्य बात यह है कि हर बार सख्त कार्रवाई के बाद भी यह सिलसिला थमता क्यों नहीं?
क्या गारंटी है कि पुलिस में रपट दर्ज कराए जाने के बाद सब कुछ दुरुस्त हो जाएगा।
वास्तव में भ्रष्टाचार एक ऐसी मनोवृत्ति है जो काफी गहरे तक घर कर गई है।
भष्टाचार की मानसिकता में बदलाव आने तक निरंतर इसको झंझोड़ने और उसकी जड़ों में मट्ठा डालने की जरूरत है।